भावनाएं हिलोरे लेकर शब्द बनेंगे और कहेंगे हरदम.......मैं हृदय की बात रे मन.....
Wednesday, May 19, 2010
बहुत नाइंसाफी है ....
सच कहते हैं कि आजकल लड़कियों का ही जमाना है । बेचारे लड़के मेहनत करते हैं और सारा लाइमलाइट लड़कियों के हिस्से आता है। बेचारे लड़कों के साथ ...ये बहुत नाइंसाफी है । बेचारा एक लड़का कितना जोड़तड़ करके... ढेर सी मेहनत करके.. किसी लड़की का नाम अपने साथ जोड़ता है.. इसके लिए कैम्पेन करता है.....सभी को बताता है कि फलां लड़की के साथ मेरा चक्कर है ....उसे तो मैं कई जगह घुमाने ले गया ...अरे वो तो रात-रात भर मेरे साथ बात करती है फोन पर ..उसका एसमएमएस भी आता है मेरे पास ..वगैरा-वगैरा । उस वक्त ये बेमुरव्वत दुनिया वाले तो उस लड़के के सगे बन कर सारी कहानी सुन लेंगे बाद में दगा देते हुए उस लड़के को छोड़ सारा अटेन्शन उस लड़की की तऱफ देने लगेगें कि कौन सी लड़की है ..अरे पता है फलां लड़की का चक्कर है ..कौन है... कहां रहती है.... सभी का सारा ध्यान लड़की पर.... बेचारे लड़के की तो कोई पूछ ही नहीं।
अरे मैं ये सब बात बिना सिर पैर के नहीं कह रही ..आपको लग रहा होगा कि मैं कोऱी बकवास कर रही हूं । चलिए मै एक सच्ची घटना आपको बताती हूं और आप बताइये कि नाइंसाफी हुई है या नहीं.?
एक संस्था में एक लड़की काम करती थी ..एक लड़का रोज उसे दूर से ही घूरता रहता था ..कई दिनों तक यही सिलसिला चलता रहा ..पहले तो लड़की ने इसे नजरअंदाज करने की कोशिश की ......अपना वहम समझा ..लेकिन जब ज्यादा होने लगा तो उसने अपनी एक सहेली को बताया ..सहेली ने भी कुछ दिन नोटिस किया ......तब उन्हे लगा कि नहीं ये लड़का सचमुच उसे परेशान कर रहा है ..तब भी उसे इग्नोर करने की कोशिश की ..फिर लड़के ने सोचा कि और मेहनत करनी पड़ेगी ..तब उसने मेहनत करके, अपने सोर्स (आजकल सभी जगह सोर्स की जरूरत पड़ती है.. पत्रकारिता की तरह ) लगा कर कहीं से उस लड़की का सेल नंबर जुटाया ..फिर एसएमएस करने लगा ..लड़की ने उसका भी जवाब नहीं दिया ..बेचारे लड़के को और मेहनत करनी पड़ी ..उसने एक दिन लड़की का पीछा किया और रास्ते में रोक लिया ..तब लड़की ने उसकी शिकायत करने की धमकी दे दी ...बेचारा लड़का इसके बाद भी अपना काम बनता ना देख उसे धमकी भरे एसएमएस करने लगा ..अंत में लड़की ने शिकायत कर दी ......तुरंत एक्शन लिया गया..कमेटी बैठी ...लड़की से बकायदा एसी केबिन में बैठा कर फिल्मी स्टाईल में पूछताछ हुई ...कि यह लड़का आपको कब से परेशान करता था...? ..क्या-क्या किया लिखित रूप से दिजिए ..इस लड़के के ऐसा करने में आपका तो कोई हांथ नही....? आपकी तरफ से कोई ढिलाई तो नहीं हुई (अब देखिए नाइंसाफी यहां भी लड़के की सारी मेहनत का क्रेडि़ट लड़की को दिया जाने लगा).? खैर कह-सुन कर मामले को ऱफा-दफा किया गया ...
कहानी यहीं नहीं खतम होती जनाब .(.मैं आपलोगों को प्रूव कर दूंगी कि लड़कों के साथ नाइंसाफी होती है.) उसके बाद मेहनत की बेचारे लड़के ने और लड़के को तो कोई पूछ ही नहीं रहा है । सब लड़की के शुभचिंतक बन कर उसी का हाल पूछ रहे हैं .उंचे ओहदे वालों से लेकर वाचमैन... ..गार्ड तक सभी को पास खबर फटाफट पहुंच गई..सभी लड़की से ही पूछने लगे क्या हुआ ? वो लड़का तुम्हे परेशान करता था...? कब से परेशान करता था ..?.क्या-क्या कहता था .? .रात मे भी फोन करता था क्या ..? एक महानुभाव जो बड़े शुभचिंतक निकले उसने पूछा …..अरे क्या हुआ था तुम्हारे साथ ..? उसने तुम्हे रास्ते में रोक लिया ..? अरे राम !..तुम्हारा हांथ पकड़ लिया ...? ओहो..!(लड़की भी हैरान के मुझे तो पता भी नहीं चला के उसने कब मेरा हांथ पकड़ा ...)
अब आप ही बताइए। इस कहानी से आपको क्या लगा । सारी मेहनत की लड़के ने औऱ लाइमलाईट बटोर गईं वो मोहतरमा जिन्होने कुछ भी नहीं किया था ..। अब आप ही बताइए ये लड़कों के साथ नाइंसाफी है या नहीं?????????? .
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- Rashmi ojha
- main kaun hun?main kya hun?apne aap ko janne ki talash av bhi jari hai......ishwar ki banai ek kriti hun or apne shrijan ke bare me khud shrata hi bata sakta hai ......